उसकी आँखों में जो भूख थी – पहली रात की एक सच्ची प्रेम कहानी
वो रात जैसे ठहर सी गई थी। कमरे में हल्की गुलाबी रोशनी थी और हवा में इत्र की मद्धम खुशबू। उसके होंठ कुछ कहने से पहले कांप गए, लेकिन उसकी आँखें... वो बोल चुकी थीं सब कुछ।
उसकी आँखों में जो भूख थी, वो सिर्फ जिस्म की नहीं थी – वो प्यार, अपनापन और किसी के पूरी तरह मिल जाने की तड़प थी।
मैंने उसका हाथ पकड़ा, और वो कांपी नहीं। उसने मेरी तरफ देखा, जैसे बरसों से सिर्फ इस पल का इंतज़ार कर रही हो। पहली बार लगा, जैसे मेरी ज़िन्दगी मुकम्मल हो रही हो।
रात गहराती गई, और हमारी सांसों की लय एक हो गई। कोई शब्द नहीं, बस एहसास... एक सच्चा प्रेम, जो सिर्फ पहली रात की नहीं, बल्कि हर रात को खास बना देता है।
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